PMGSY पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संबंधी संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट – समस्याएं और समाधान। PM ग्राम सड़क योजना में सुधार के सुझाव।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 2025

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संबंधी संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट, चुनौतियां और समाधान । PMGSY Phases and Funding Ratios। PMGSY Challenges and Solutions

 
Rural road connectivity in India






प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की शुरुआत साल 2000 में ग्रामीण इलाकों को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए की गई थी। इस योजना का मकसद है - गांवों तक आसान, सुरक्षित और हर मौसम में सड़क संपर्क पहुंचाना, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के अवसर गांव-गांव तक पहुंच सकें।


हाल ही में ग्रामीण विकास और पंचायती राज संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने इस योजना पर अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें कई समस्याएं, चुनौतियां और समाधान बताए गए हैं :


1.बोली की कम राशि:

एक अच्छी और टिकाऊ सड़क के निर्माण के लिए जितने राशि की जरूरत होती है, ठेकदार अक्सर उस लागत से 25 से 30 प्रतिशत कम बोली लगाते हैं, जिससे उन्हें टेंडर तो मिल जाता है, लेकिन परियोजना की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं बढ़ जाती हैं।

• समिति की सिफारिश 

इस पर समिति का कहना है कि कम राशि वाली बोली को रोकने के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट जैसी व्यवस्था को अपनाना चाहिए सड़क की गुणवत्ता का आकलन करना चाहिए


2. सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता:

कई स्थानों पर सड़कों के निर्माण में उपयोग किए गए मैटेरियल की गुणवत्ता खराब देखी गई है जो हर मौसम और यातायात के दबाव को सहन करने के लिए सक्षम नहीं हैं ।


समिति की सिफारिश 

✓राज्य सरकारों को उनकी स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों और परिवहन संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर सड़क की चौड़ाई एवं डिजाइन बदलने की छूट देनी चाहिए।

✓भारी वाहनों के लिए PMGSY सड़क की मोटाई 20 मिमी से बढ़ाकर 30 मिमी करनी चाहिए।  


3. परियोजना में देरी : 

 वामपंथी उग्रवाद (LWE) वाले क्षेत्रों में कार्य की प्रगति धीमी है। यह भूमि अधिग्रहण संबंधी मंजूरी, धनराशि जारी न होने जैसे मुद्दों के कारण परियोजना के पूरा होने में देरी हो रही है। इसके परिणामस्वरूप लागत में भी वृद्धि हुई है।

• समिति की सिफारिश

इस देरी को रोकने के लिए 'केन्द्र- राज्य समन्वय' में सुधार करना चाहिए तथा मंजूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना चाहिए।


4. पुराना सर्वेक्षण डेटा : 

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का चतुर्थ चरण 2011 की जनगणना सर्वेक्षण पर आधारित है, जिससे संभवतः वर्तमान आवश्यकताओं की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चलता है।

• समिति की सिफारिश 

PMGSY चतुर्थ चरण के अंतर्गत सड़क सर्वेक्षण को जनसंख्या के नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों या अंतरिम आकलन के आधार पर संशोधित किया जाना चाहिए।


5. अधूरी कनेक्टिविटी 

सड़कें कभी-कभी केवल गांवों की परिधि तक ही पहुंच पाती हैं, तथा वास्तविक बस्तियों को जोड़ने में असफल रहती हैं।
जिससे गांव के छोटे टुकड़ों तक सड़क की पहुंच बाधित होती है और PMGSY का उद्देश्य विछिन्न हो जाता है।



• समिति की सिफारिश 

गहन सर्वेक्षण के आधार पर वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सड़कें सबसे अधिक जरूरतमंद क्षेत्रों में उचित रूप से निर्मित की जाएं।


PMGSY के बारे में अतिरिक्त तथ्य :

स्थापना - 25 दिसंबर 2000 को प्रधानमंत्री मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा।

PMGSY का प्रथम चरण ( PMGSY - I)

PMGSY-I की शुरुआत वर्ष 2000 में हुई थी ,यह 100% केन्द्र प्रायोजित योजना थी, इसमें लक्ष्य रखा गया कि उन सभी गांवों को ऐसे सड़कों से जोड़ा जाएगा जो सभी मौसम में सम्पर्क प्रदान करेंगे। हालांकि इसमें इसमें कुछ विशेष प्रावधान थे जैसे कि मैदानी इलाकों में आने वाले गांवों की जनसंख्या 500 से कम नहीं होना चाहिए तथा कुछ क्षेत्रों (पर्वतीय इलाके, जनजातीय क्षेत्र, रेगिस्तानी और पूर्वोत्तर के क्षेत्रों ) में यह 250 रखी गई थी।


PMGSY का दूसरा चरण ( PMGSY - II)
  
PMGSY-II का शुरुआत मई 2013 को हुआ , इसका फोकस नए कनेक्टिविटी बनाने के बजाय मौजूदा (~50000KM) ग्रामीण सड़कों के उन्नयन पर रहा। इसका उद्देश्य था कि गांवों से बाजारों तक बेहतर गुणवत्ता वाली पहुंच सुनिश्चित हो । इसमें केंद्र और राज्यों के बीच लागत साझेदारी - सामान्य राज्यों के लिए 75:25 और विशेष राज्यों ( जैसे पर्वतीय क्षेत्र, रेगिस्तानी क्षेत्र, पांचवीं अनुसूची के क्षेत्र,नक्सल प्रभावित क्षेत्र) के लिए 90 :10 रखी गई थी।


PMGSY का तीसरा चरण ( PMGSY - III)

इसे वर्ष 2019 में कैबिनेट की मंजूरी मिली इसके तहत 2019- 20 से 2024-25 तक लागू करने की रूप-रेखा निर्धारित हुई। इस चरण का लक्ष्य नई कनेक्टिवी के बजाय 'थ्रू रूट्स' और 'मेजर रूरल लिंक्स' का सुदृढ़ीकरण करना है । इसमें यह उद्देश्य रखा गया है कि सभी ग्रामीण स्कूलों, बाजारों, चिकित्सालयों आदि को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण करना, जो को लगभग 125000 KM है। इस चरण में केंद्र और राज्यों के बीच लागत साझेदारी 60 :40 और 90 : 10 है।



PMGSY का चतुर्थ चरण ( PMGSY - IV)

इस चरण के लिए सितंबर 2024 में सरकार ने मंजरी दी है। इसका उद्देश्य उन बसावटों के लिए सभी मौसमों वाली सड़कों का निर्माण करना है जो पहले के चरणों के दौरान वंचित रह गए थे।

निष्कर्ष: 

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने पिछले दो दशकों में गांवों की तस्वीर  बदली है ;  पहले चरण में जहां गांव-गांव सड़कें पहुंचीं, वहीं दूसरे और तीसरे चरण ने उन सड़कों को मजबूत और बेहतर बनाया। अब चौथे चरण की मंजूरी के साथ, वो बसावटें भी पक्की सड़क से जुड़ेंगी, जो अब तक इस सुविधा से दूर थीं।
हालांकि इस सफर में अनेक चुनौतियां थी और अभी भी हैं, जिन्हें सही करने से और तेजी से और सतत विकास होगा।





Author: Manoj Kushwaha

Mindset: Social affairs and Education

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